विडम्बनाओं से घिरा यह देश
विडम्बनाओं से घिरा यह देश
जंहा कानून सर्वोपरी , सर्वोच्च शक्ति का है मालिक
पर अँधा (ध्रितराष्ट्र ) कहलाने वाला है
जंहा धर्म आस्था , आदर का है पवित्र प्रतीक
पर जकड़ा ही रहने वाला है
जंहा राजा का राज नहीं , है जनता
पर फिर भी नेता ही राज करने वाला है
जंहा पड़-लिख गए हो गए सब शिक्षित पहुँच गए चंद्र-मंगल तक
पर बेरोजगारी व् भ्रष्टाचार का बोलबाला है
जंहा धरती उगल रही सोना, उपजा रही हीरे- मोती
पर किसान का हाल आत्महत्या वाला है
जंहा हो रही बात विश्व गुरु की वैश्विक बौद्धिक पहचान की
पर अपनी ही कुरीतियों , कट्टरताओं में फंस देश कंहा महान रहने वाला है
विडम्बनाओं से घिरा यह देश ...
.. सुनील शर्मा
जंहा कानून सर्वोपरी , सर्वोच्च शक्ति का है मालिक
पर अँधा (ध्रितराष्ट्र ) कहलाने वाला है
जंहा धर्म आस्था , आदर का है पवित्र प्रतीक
पर जकड़ा ही रहने वाला है
जंहा राजा का राज नहीं , है जनता
पर फिर भी नेता ही राज करने वाला है
जंहा पड़-लिख गए हो गए सब शिक्षित पहुँच गए चंद्र-मंगल तक
पर बेरोजगारी व् भ्रष्टाचार का बोलबाला है
जंहा धरती उगल रही सोना, उपजा रही हीरे- मोती
पर किसान का हाल आत्महत्या वाला है
जंहा हो रही बात विश्व गुरु की वैश्विक बौद्धिक पहचान की
पर अपनी ही कुरीतियों , कट्टरताओं में फंस देश कंहा महान रहने वाला है
विडम्बनाओं से घिरा यह देश ...
.. सुनील शर्मा
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