ऐ हिमालय

ऐ हिमालय
मेरा विश्वास है की
तमाम कोशिशों के बावजूद
तुम  हमेशा जीवंत रहोगे, बर्फ से लदकद
हरी-भरी घाटियों से जीवन धारा को बहाते  हुए

ऐ हिमालय
मेरा विश्वास है की
तुम हमेशा अडिग, उन्नत , एकाग्रचित
परम ध्यान में हमेशा शुन्य ही  रहोगे

ऐ हिमालय
मेरा विश्वास है की
तुम्हारे हर बिखराव में  तुम्हारे हर कटान से
मै भी बिखरता जाऊंगा
प्रकृति की इस अनमोल विरासत से परे होता जाऊंगा

ऐ हिमालय
मेरा विश्वास है की
प्रकृति की इस धरोहर को सहेजने के कर्तव्य में मनुष्य भी पुण्यशील होगा
तुम्हारे  भाग्यविदान - महान अस्तित्व के लिए हमेशा कर्मशील रहेगा

ऐ हिमालय
मेरा विश्वास है की
तुम हर चुनौती, हर बाधा, हर संकट से अटल
शुभ्र मस्तक हिमालय हमेशा विजयमान रहोगे। ...

... सुनील शर्मा ... 






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