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Showing posts from May, 2018

Maha Shivratri - The festival of Lord Gauri Shankar

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Maha Shivratri- The festival of Lord GauriShankar Maha Shivratri - The festival of Lord GauriShankar Lord GauriShankar Maha Shivratri  is a  HINDU  festival celebrated annually in reverence of the god  SHIVA . It is the day Shiva was married to the goddess  PARVATI . The Maha Shivratri festival, also popularly known as 'Shivratri'   or 'Great Night of Shiva', marks the convergence of Shiva and  Shakti . Maha Shivratri is celebrated on  the day is Krishna Paksha Chaturdashi of Hindu calendar month  PHALGUNA  which falls in Feb.   or  March  as per the Western Calender.    Of the twelve Shivaratris in the year, the Maha Shivarathri is the most holy. The festival is principally celebrated by offerings of  BAEL  leaves and Abhishek of  Milk  or Water to Shiva, all-day fasting and...

'निट्टू'

सड़क के एक किनारे सिकुड़ा बैठा रहता 'निट्टू' अपनी व्यथा का मर्म सहता, अपनी दुर्गन्ध में शुन्य  बैठा रहता 'निट्टू' ना कुछ पाने की आशा न कुछ खोने का डर किसी से कुछ न कहता, किसी की न कुछ सुनता अपने ही अंतर्विरोध में लीन बैठा रहता 'निट्टू' सब पूछते कौन है  यह ? कोई कहता पागल है कोई कहता है अधपागल कोई कहता था किसी ज़माने का विद्वान अब न जाने क्यों बेखबर अपनी ही धुन में  बैठा रहता 'निट्टू' पूछा उसके घरवालों से तो कहते, करता था साधू का सेवा - संग हर रोज घंटो मंदिर में ही बैठा रहता था 'निट्टू' मिली जो न संभाल पाया शक्ति को वो भीषण तरंग हो गया बेसुध न रही चिंता अपनी पत्नी संतान की, न अपनी धरती- पहचान की न नहाता है न धोता, खाने को गर कुछ दे तो खा लेता नहीं तो चुपचाप  किसी अँधियारे कोने में ही बैठा रहता है 'निट्टू' मिल जाता है बाजार में किसी दूकान के आगे किसी सड़क के कोने में बैठा 'निट्टू' कोई उसका अब  हाल न पूछे न कोई उसका मन सबको एक टकटकी लगाए बस देख सिकुड़ा  बैठा रहता 'निट्टू' .... सुनील शर्मा

विडम्बनाओं से घिरा यह देश

विडम्बनाओं से घिरा यह देश जंहा  कानून सर्वोपरी , सर्वोच्च शक्ति का है मालिक पर अँधा (ध्रितराष्ट्र ) कहलाने वाला है जंहा धर्म आस्था , आदर का है पवित्र प्रतीक पर जकड़ा ही रहने वाला है जंहा राजा का राज नहीं , है जनता पर फिर  भी नेता ही राज करने  वाला है जंहा पड़-लिख गए  हो गए सब शिक्षित पहुँच गए चंद्र-मंगल तक पर बेरोजगारी व् भ्रष्टाचार का बोलबाला  है जंहा धरती उगल रही सोना, उपजा रही हीरे- मोती पर किसान का हाल आत्महत्या वाला है जंहा हो रही बात विश्व गुरु की वैश्विक बौद्धिक पहचान की पर अपनी ही कुरीतियों , कट्टरताओं में फंस देश कंहा महान रहने वाला है विडम्बनाओं से घिरा यह देश ... .. सुनील शर्मा

ऐ हिमालय

ऐ हिमालय मेरा विश्वास है की तमाम कोशिशों के बावजूद तुम  हमेशा जीवंत रहोगे, बर्फ से लदकद हरी-भरी घाटियों से जीवन धारा को बहाते  हुए ऐ हिमालय मेरा विश्वास है की तुम हमेशा अडिग, उन्नत , एकाग्रचित परम ध्यान में हमेशा शुन्य ही  रहोगे ऐ हिमालय मेरा विश्वास है की तुम्हारे हर बिखराव में  तुम्हारे हर कटान से मै भी बिखरता जाऊंगा प्रकृति की इस अनमोल विरासत से परे होता जाऊंगा ऐ हिमालय मेरा विश्वास है की प्रकृति की इस धरोहर को सहेजने के कर्तव्य में मनुष्य भी पुण्यशील होगा तुम्हारे  भाग्यविदान - महान अस्तित्व के लिए हमेशा कर्मशील रहेगा ऐ हिमालय मेरा विश्वास है की तुम हर चुनौती, हर बाधा, हर संकट से अटल शुभ्र मस्तक हिमालय हमेशा विजयमान रहोगे। ... ... सुनील शर्मा ... 

Adventure Sports in Himachal Pradesh

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                                                               ....... The state of Himachal Pradesh has become most popular place in India  in the recent years as one of the most liked travel & adventure destinations with domestic and foreign tourists . Varied ranges of terrain and climate in far flung areas offer many options to experienced as well as uninitiated adventure sportsmen. Mountaineering & Trekking  Expeditions :   Mountain Climbing and Trekking in Himachal Pradesh are popular adventure sports that anyone can enjoy here at best. Mountain ranges in Himachal sitiauted at (4000 m., to 7000 m.) Himachal has best picturesque valleys and snow capped peaks that are a Mountaineer  delight. They are not too high that beginners cannot try their hands at the sports nor too low to leave expe...